स्वर व तत्त्व परिचय
स्वर व तत्त्व का वर्णन अनेक धर्म ग्रंथों में है और बहुत से योगी पुरुष इसे जानते है । किन्तु वे भी इनका सही से उपयोग बता पाने में असमर्थ रहे। वर्तमान में कुछ स्वर शास्त्री स्वर की गहराई को समझ पाये है परन्तु उनका भी तत्त्वों को पूर्ण रूप से समझ पाना अभी बाकि है। वास्तव में स्वर तत्त्वों का बाहरी आवरण है ,वास्तविक खेल तत्वों में समाहित है इसलिए तत्त्वों को जाने और समझें। The description of breathing channels and elements is in many religious texts and many Yogis know it. But they are also unable to tell their usage properly. At present, some knower of breathing have understood the depth of the breathing channels “nadis”, but they still have to understand the elements completely. In fact, nadis are the outer covering of elements, actual game contains in the elements, so know and understand the elements. केवल तत्त्वों की पहचान कर लेना पर्याप्त नहीं है , बल्कि उनसे प्रत्यक्ष आर्थिक ,सामाजिक ,आध्यात्मिक आदि लाभ उठाना उचित है। इस स्वर-शास्त्र को