पंचमाहभूतों से सृष्टि की उत्पत्ति, संचालन व अंत




 पंचमाहभूतों से सृष्टि की उत्पत्ति, संचालन व अंत । 

Creation, Destruction and Operation of
the universe by five elements.


सृष्टि के आदि, अंत व संचालन में समाहित वे पांच तत्व जिनके द्वारा देहधारियों की त्वचा, रोम, हड्डी, दृष्टि, स्वांस, मन,
बुद्धि व विचारों से लेकर जगत के समस्त ऐश्वर्य-संपन्न पदार्थों का निर्माण हुआ है,
मैं उन अग्नि, जल, वायु, पृथ्वी व आकाश आदि पंचमहाभूतों  को प्रणाम करता हूं.
इन तत्वों के द्वारा न केवल ब्रह्मांड के संपूर्ण पदार्थों का निर्माण हुआ है .
The five elements contained in the creation, destruction and operation of the universe,
through which all the auspicious things of the world have been created, from the skin,
hair, bones, vision, breath, mind, intellect and thoughts of the flesh,
I bow to that five elements-the fire, the air, the earth and the ether.
 By these elements not only the entire substance of the universe has been created,

बल्कि पलकों के झपकने से लेकर जगत के समस्त जड़, जंगम वा चेतन का क्रियान्वयन इन्हीं तत्वों के द्वारा किया जाता है। 
यदि विश्व में कोई भी घटना यदि घटित होती है, तो उस घटना के घटित होने के पीछे कोई ना कोई कारण अवश्य होगा,
क्योंकि बिना कारण के किसी भी घटना का घटित होना पूर्णता असंभव है।  

but from the blink of the eyelids, the entire unconscious, movable or conscious things of the world,
is activated by these elements. 
 If any event happens in the world, then there must be some reason behind the occurrence
of that event, because it is impossible to complete any event without reason.  

चूँकि  कोई भी कारण बिना कारक के कोई अस्तित्व नहीं रखता इसलिए यदि कोई कारण है तो उस कारण के पीछे कोई न कोई कारक आवश्यक रूप से  विद्यमान होगा।
इन  घटना के कारण व कारक कौन से हैं?  यह पांच तत्व -अग्नि, जल, वायु, पृथ्वी,
व आकाश ही वे पांच तत्व है जो किसी घटना को घटित  करने के लिए जिम्मेदार है ,

Since no reason exists without any factor, if there is any reason,
some factor must necessarily exist behind that reason.
Then, what are the causes and factors of these incidents? 
Fire, water, air, earth, and ether are these five elements,
which are responsible for the occurrence of an event.


यह पांच तत्व ही कारक रूप से जीवधारी के शरीर में उत्पन्न हो सृष्टि में का कारण रूप से घटना को घटित करते हैं। 
जो तत्व जीवधारी अथवा मनुष्य शरीर में कारक रूप से उपस्थित होता है
वही तत्व सृष्टि  में कारण रूप से प्रकट हो घटना को घटित करता है.

These five elements originate in the organism's body in a causal way
and cause the occurrence of the event in the world.
The element which is present causally in the organism or human body,
the same element appears in the world due to the phenomena.




 यदि मनुष्य किसी प्रकार से यह जान जाए कि वर्तमान समय में उसका कौन सा तत्व विशेष रूप से,
प्रमुख रूप से विद्यमान है तब वह अगामी घटना का कारण जान जाता है ,
कारण के जान लेने से भविष्य में होने वाली घटना को जान लेता है ,
जिसके द्वारा वह होने वाली घटना का ज्ञान कर उसके परिणाम से भलीभांति प्रकार से लाभ उठा सकता है। 
कितना लाभ लेना है ? कैसे लाभ लेना है ?वह बड़ी आसानी से जान सकता है। 
 How much profit to take? How to avail? He can know very easily.

 If a man somehow knows which of his element is particularly prominent in the present time,
then he knows the cause of the future phenomenon, by knowing the cause,
he knows the event in the future, by which By knowing the event,
he can benefit from its result in a good way.

  तत्वों पर आधारित शास्त्र की इस महानतम थ्योरी का किस प्रकार से उपयोग कर शास्त्र की मंशा-
धर्म, अर्थ, काम व मोक्ष प्राप्ति हेतु किस प्रकार से किया जाना है?
किस प्रकार से तत्वों के माध्यम से प्रेडिक्शन कर स्टॉक मार्केट में सर्वाधिक व तत्काल लाभ लिया जाये ?
इसका उद्घाटन आगे किया जाना है-
 इन तत्वों को बारी बारी से एक-एक कर समझने की चेष्टा करते हैं-
 इनमें  सर्वप्रथम तत्व है - अग्नि तत्व !!!
क्या है यह अग्नि तत्व ?

How to use this greatest theory of scriptures based on the elements, how to achieve the intent of the scripture- religion, wealth, cupid and salvation? How to get the large and immediate benefit in the stock market by doing predictions through elements?
 It is to be inaugurated further -
 we try to understand these elements one by one in turn -
 In these, the first element is - fire element !!!

What is this fire element?

 यह वही अग्नि है जिसमें सृष्टि के आरंभ काल में गतिमान सूर्य को आकाश में स्थापित किया ,
और उस  सूर्य को प्रकाशित किया उसके बाद समुद्रों से जल का आकर्षण कर
औषधियों और वनस्पतियों को सिंचित  किया ,जिसने समस्त जीवधारियों को  हष्ट-पुष्ट व निरोग किया ।
यह वही अग्नि है जो शरीर में अन्न का रस बनाती है रस से रुधिर, रुधिर से मांस, मांस से मज्जा,
मज्जा और फिर हड्डी, वीर्य , रज,  तेज, बल आदि का निर्माण करती है।

This is the same fire in which the moving sun was set in the sky in the beginning of creation,
and illuminated that sun, after that, by attracting water from the oceans,
irrigating medicines and vegetation made all living beings happy and healthy. 
This is the same fire that makes juice from the grain in the body,
it makes blood from the juice, flesh from the blood, pith from the flesh,
pith and then bone, semen, raj, brightness, force etc. 


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