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#NiftyPredictionsSwarVigyan Date 25 march 2021

  # NiftyPredictionsSwarVigyan Date 25 march 2021 तत्त्वों के प्रभाव मार्केट में कुछ इस तरह रहेगा कि प्रारंभ में कुछ उतार चढ़ाव के साथ मार्केट बडेगा और उसके बाद गिरावट होगी ग्राफ देखने के लिए लिंक पर क्लिक करें https://docs.google.com/document/d/12-JWcZ3560mX1rFW7ny6RpC_qtW1nFsBaG1wyBriVr8/edit?usp=drivesdk यह जानकारी Youtube के community tab में भी प्रतिदिन उपलब्ध की जा रही है। Notification न मिलने पर भी check करते रहें। तत्काल notification प्राप्त करने के लिए चैनल में जाकर bell icon को दबाएं और all select करें।  यह पढ़ने के बाद post / video को लाइक कर दें जिससे मालूम होगा कि कितने लोगों ने इसे देखा है! ---------------- तत्त्व ज्ञान सीखने के लिए इस लिंक पर जाइए https://wa.me/message/PE47B6RMJ2CPP1

#NiftyPredictionsAstrology15 March 2021

 Date15 march 2021 Today market will move under ether mix fire elements  in control of  lunar.

#NiftyPredictionsAstrology 12 to 30 march 2021

   Date 12 to 30 march 2021 सूर्य स्वर में पृथ्वी तत्त्व की उपस्थिति के कारण अगले आने 15 से 20 दिनों में Nifty 50 ( 15030)गिरावट का रुख होगा। एक सीमित दायरे में रहकर मार्केट गिर सकता है।।कुछ एक दिन मार्केट तेजी भी कर सकता है पर यह सीमित ही होगी।। Ioc 101 mein -उतार - चढ़ाव के साथ गिरावट। Jswsteel 417 -उतार - चढ़ाव के साथ गिरावट। Sbin -381- कुछ नीचे जाकर ऊपर के स्तर पर स्थित हो सकता है।। https://wa.me/message/PE47B6RMJ2CPP1 यह जानकारी यूट्यूब के community tab में भी उपलब्ध है।।

कर्म के भेद जानने से होता है सन्यास

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 *तत्ववेत्ता  परमहंस जी*   *_*कर्म के भेद जानने से होता है सन्यास_**        .. पांचों तत्वों (पृथ्वी तत्व , जल तत्व ,वायु तत्व ,अग्नि तत्व एवं आकाश तत्व ) के  ज्ञाता  श्री तत्ववेत्ता परमहंस जी  कहते हैं कि " कर्म के भेद जानने से होता है सन्यास " सामान्य जनों में अक्सर तर्कशक्ति का अभाव देखा जाता है । जिसके चलते वेद, शास्त्र, पुराण मैं वर्णित सिद्धांतों को भी गलत अर्थों में अपनाकर जीवन को पहले से अधिक उलझन भरा बना डालते हैं।        ऐसा ही एक शब्द 'कर्म 'है, जिसे समझने में लोग भूल कर जाते हैं और कर्म का अर्थ पुरुषार्थ, परिश्रम मेहनत अथवा लक्ष्य प्राप्ति  हेतु किए गए कर्म से समझते हैं जो कि गलत है ।         'कर्म 'का अर्थ शास्त्र विहित कर्मों से हैं जिन्हें करना उत्तम बताया गया है । अथवा वे कर्म जिनमें पुण्य ,ख्याति और मोक्ष आदि को प्राप्त करता है| ' कर्म'  विवेकी पुरुष करता है |'कर्म ' का उचित ज्ञान होने पर 'कर्म 'स्वता ही नष्ट हो जाते हैं, और महान सन्यास को प्राप्त होता है । पुरुषार्थ वे  कार्य है, जिनके द्वारा किसी लक्ष्य को प्राप्त  कर

#NiftyPredictionsAstrolgy from 26febrary to 10march 2021

 Now nifty is at the point of 15,090 Almost in 15 days, it is predicted that it will go up. By analysing the effects of five elements on the stock market it shown tha the air elements and the earth elements will effect the whole market. The situation of the elements will moves the market up words with some ups and downs. For the predicted graph click here  For other query - https://wa.me/919669423541 For donaton-google pay- tatwavetta@okhdfcbank

हे इड़ा नाड़ी !

  हे इड़ा नाड़ी ! तुम साक्षात् देवी स्वरूपा, पार्वती स्वरूपा, लक्ष्मी स्वरूपा हो।  ब्रह्मा, विष्णु, महेश आदि देवता भी आप की महिमा पूर्ण रूप से बखान करने में समर्थ नहीं है, फिर भी सिद्ध तपस्वी,  ज्ञानी, योगी आदि आप की महिमा व गुणों का बखान करने में सदैव लगे रहते हैं. Hey Ida Nadi! You are the Goddess Parvati and Lakshmi. Deities like Brahma, Vishnu, Mahesh are not able to describe your glory fully. Yet Siddha ascetics, Gyanis, Yogis are always engaged in glorifying the glory and the qualities of you. हे नीले रंग की देवी!  तुम 72000 नाड़ियों में प्रमुख हो।  क्रियाशील होने पर आपका प्रभाव सर्वत्र दिखाई देता है।  शरीर में तुम बाई ओर स्थित हो और श्वास परखने से तुम्हारा   ज्ञान होता है| Hey blue goddess! You are the head of 72,000 nerves or channels in the body. Your effect is visible everywhere when you are active. You are situated in the left side of the body and can be sensed by examining the breath. हे देवी ! तुम अत्यंत गोपनीय व रहस्यमई हो।  कार्य, कारण और परिणाम का निर्धारण कर भूत भविष्

मनुष्यों को धन देने वाला अग्नि तत्त्व

अपने तेज से संसार में प्रकाश फैलाने वाले,  अत्यंत तेजस्वी, दूर से ही दर्शनीय,  देवताओं के मुख-रूपवैश्वनर, जो संपूर्ण विश्व की आत्मा होकर समस्त संसार में व्याप्त है, उस क्रांतदर्शी अग्नि को मैं प्रणाम करता हूं | who is spreading light in the world through his brilliant   extremely stunning, visible from a distance, Who is also known as mouth of God “vaishwanar” which is the soul of the whole universe, and is pervading throughout the world. I bow to that revolutionary fire. जिसने सृष्टि के आरंभकाल में गतिमान सूर्य को आकाश में स्थापित किया,  जो यज्ञों  के रक्षक, सत्यनिष्ठ, प्रवृद्ध व दीप्तिमान है | जिनकी कृपा से अनेक सिद्ध,तपस्वी, ज्ञानी हुए और बहुतेरे बर्फानी हो गए, निवेशकों का उद्धार करने वाले उस अग्नि को कौन नही जानता ??? Who established the moving sun in the sky in the beginning of the universe. which is the protector of Yagnas, truthful, enlightened and radiant. By whose grace many proven, friar, sage  and many became Barfani, Who does no