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#NiftyPredictionsAstrolgy from 26febrary to 10march 2021

 Now nifty is at the point of 15,090 Almost in 15 days, it is predicted that it will go up. By analysing the effects of five elements on the stock market it shown tha the air elements and the earth elements will effect the whole market. The situation of the elements will moves the market up words with some ups and downs. For the predicted graph click here  For other query - https://wa.me/919669423541 For donaton-google pay- tatwavetta@okhdfcbank

हे इड़ा नाड़ी !

  हे इड़ा नाड़ी ! तुम साक्षात् देवी स्वरूपा, पार्वती स्वरूपा, लक्ष्मी स्वरूपा हो।  ब्रह्मा, विष्णु, महेश आदि देवता भी आप की महिमा पूर्ण रूप से बखान करने में समर्थ नहीं है, फिर भी सिद्ध तपस्वी,  ज्ञानी, योगी आदि आप की महिमा व गुणों का बखान करने में सदैव लगे रहते हैं. Hey Ida Nadi! You are the Goddess Parvati and Lakshmi. Deities like Brahma, Vishnu, Mahesh are not able to describe your glory fully. Yet Siddha ascetics, Gyanis, Yogis are always engaged in glorifying the glory and the qualities of you. हे नीले रंग की देवी!  तुम 72000 नाड़ियों में प्रमुख हो।  क्रियाशील होने पर आपका प्रभाव सर्वत्र दिखाई देता है।  शरीर में तुम बाई ओर स्थित हो और श्वास परखने से तुम्हारा   ज्ञान होता है| Hey blue goddess! You are the head of 72,000 nerves or channels in the body. Your effect is visible everywhere when you are active. You are situated in the left side of the body and can be sensed by examining the breath. हे देवी ! तुम अत्यंत गोपनीय व रहस्यमई हो।  कार्य, कारण और परिणाम का निर्धारण कर भूत भविष्

मनुष्यों को धन देने वाला अग्नि तत्त्व

अपने तेज से संसार में प्रकाश फैलाने वाले,  अत्यंत तेजस्वी, दूर से ही दर्शनीय,  देवताओं के मुख-रूपवैश्वनर, जो संपूर्ण विश्व की आत्मा होकर समस्त संसार में व्याप्त है, उस क्रांतदर्शी अग्नि को मैं प्रणाम करता हूं | who is spreading light in the world through his brilliant   extremely stunning, visible from a distance, Who is also known as mouth of God “vaishwanar” which is the soul of the whole universe, and is pervading throughout the world. I bow to that revolutionary fire. जिसने सृष्टि के आरंभकाल में गतिमान सूर्य को आकाश में स्थापित किया,  जो यज्ञों  के रक्षक, सत्यनिष्ठ, प्रवृद्ध व दीप्तिमान है | जिनकी कृपा से अनेक सिद्ध,तपस्वी, ज्ञानी हुए और बहुतेरे बर्फानी हो गए, निवेशकों का उद्धार करने वाले उस अग्नि को कौन नही जानता ??? Who established the moving sun in the sky in the beginning of the universe. which is the protector of Yagnas, truthful, enlightened and radiant. By whose grace many proven, friar, sage  and many became Barfani, Who does no

निवेश के नए सिद्धांत को जानने से निश्चित रूप से लाभ होगा

There are many ways to predict the Global Financial Market, ग्लोबल फाइनेंसियल मार्केट प्रेडिक्ट करने की अनेक विधियाँ मौजूद है ,   but did all these investors get the benefits? किन्तु क्या ये सब  निवेशक को लाभ पंहुचा पाई ?  Has anyone benefited from the fundamental and quantitative based analysis?  fundamenta  और quantitative एनालिसिस पर  आधारित वीधियाँ से अब तक किसी को लाभ मिला है ?   Has anyone ever benefited from telecom analysis? टेलिकॉम एनालिसिस से कभी किसी को मुनाफा हुआ ?   And not knowing how many times it has been got losses by placing Stop Loss.  और न जाने कितनी बार स्टॉपलॉस लगाने से ही नुकशान हुआ है | All these methods have proved to be a failure, ये सभी विधियाँ अबतक नाकाम ही सावित हुई है, Because there is no strong base in these methods. क्योंकि इन विधियां  का कोई मजबूत अधरहीन है |  That’s why Mr. Tattva-vetta Paramhansa ji has been using oldest scriptures theory इसलिए श्री तत्त्ववेत्ता परमहंस जी लेकर है प्राचीनतम शास्त्रों के २

उपस्थित तत्त्व को कैसे जानें??

यह पूर्व ज्ञात है कि की एक विशेष समय अंतराल में एक विशेष तत्व ही प्रधान रूप से उपस्थित होता है बाकी के शेष बचे हुए 4-तत्व गौण-रूप से उपस्थित रहते हैं, जो तत्व प्रधान मात्रा में विशेष रूप से उपस्थित होता है उसी तत्व का प्रभाव ब्रह्मांड में सर्वत्र दिखाई देता है। मनुष्य की क्रियाकलाप सृष्टि की घटनाओं में इसी तत्व का प्रभाव देखने में आता है।  इसलिए उपस्थित तत्व की इस तत्व की पहचान किस प्रकार से किया जाए, यह जानते हैं- It is previously known that only a particular element is predominantly present in a particular time interval, the remaining 4-elements remain secondary, which element is present exclusively in the prime quantity the effect of this is seen everywhere in the universe. The effect of this element is seen in human and universe activities. Therefore, to know how to identify this element of the present element, I say… It is known before -  तत्व परखने की विधि के विषय में पूर्व में भी बात हो चुकी है , इसलि अब मैं बताता हूं कि किस प्रका

पंचमाहभूतों से सृष्टि की उत्पत्ति, संचालन व अंत

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 पंचमाहभूतों से सृष्टि की उत्पत्ति, संचालन  व अंत ।  Creation, Destruction and Operation of the universe by five elements. सृष्टि के आदि, अंत व संचालन में समाहित वे पांच तत्व जिनके द्वारा देहधारियों की त्वचा, रोम, हड्डी, दृष्टि, स्वांस, मन, बुद्धि व विचारों से लेकर जगत के समस्त ऐश्वर्य-संपन्न पदार्थों का निर्माण हुआ है, मैं उन अग्नि, जल, वायु, पृथ्वी व आकाश आदि पंचमहाभूतों  को प्रणाम करता हूं. इन तत्वों के द्वारा न केवल ब्रह्मांड के संपूर्ण पदार्थों का निर्माण हुआ है . The five elements contained in the creation, destruction and operation of the universe, through which all the auspicious things of the world have been created, from the skin, hair, bones, vision, breath, mind, intellect and thoughts of the flesh, I bow to that five elements-the fire, the air, the earth and the ether.  By these elements not only the entire substance of the universe has been created, बल्कि पलकों के झपकने से लेकर जगत के समस्त जड़, जंगम वा चेतन का क्रियान्वयन इन्ही